गजब ! तो इस कारण से होता है पेन के कैप में छेद
पेन एक ऐसी चीज है जिसका इस्तेमाल आज के जमाने में पहले से कम हो गया है लेकिन पहले इसे नियमित रूप से किया जाता था। लेकिन क्या कभी आपने सोचा है कि पेन की कैप या पेन के लास्ट प्वाइंट पर छेद क्यों होता? शायद ही किसी को पता हो कि ये छेद होता क्यों है?
एक आम अवधारणा के अनुसार, लोग यह मानते हैं कि पेन के ढक्कनों में छेद इसलिए दिया जाता है, ताकि पेन के निब की इंक ना सूखे। पर इस बात को सही नहीं माना जा सकता, क्योंकि इस तथ्य को इंक सूखने और न सूखने दोनों ही अवधारणा में बताया जा सकता है। तो फिर शायद यह वह कारण नहीं है, जिस वजह से यह छेद पेन के कैप में या निचले हिस्से में दिया जाता है। एक और अवधारणा यह है कि यह छेद पेन के बंद होने और खुलने पर वायु के दबाव को सामान रूप से बनाये रखता है। मगर यह बात सिर्फ उन पेन में सही बैठती है, जिन के ढक्कन दबा के बंद होते हैं, घुमा के बंद होने वाले पेन में यह बात तर्क संगत नहीं लगती है। इस छेद की असली वज़ह क्या है? इसका मूल कारण है कि पेन को ढक्कन समेत कुछ लोग अपने मुंह में डाल लेते हैं, खासकर बच्चे। अगर यह गलती से मुंह में चला जाये और चूंकि इसमें छेद न हो, तो हवा पास नहीं होगी, जो कि यह घातक साबित हो सकती है और जान भी जा सकती है। इसी वजह से पेन के निर्माताओं ने इसके ढक्कन में एक छेद रखा, जिस वजह से अगर कोई बच्चा या बड़ा इसको निगल भी जाये तो उससे जान जाने का खतरा कुछ हद तक कमहो सकता है। हालांकि यह छेद पेन के निचले भाग या कैप दोनों पर होता है।
एक आम अवधारणा के अनुसार, लोग यह मानते हैं कि पेन के ढक्कनों में छेद इसलिए दिया जाता है, ताकि पेन के निब की इंक ना सूखे। पर इस बात को सही नहीं माना जा सकता, क्योंकि इस तथ्य को इंक सूखने और न सूखने दोनों ही अवधारणा में बताया जा सकता है। तो फिर शायद यह वह कारण नहीं है, जिस वजह से यह छेद पेन के कैप में या निचले हिस्से में दिया जाता है। एक और अवधारणा यह है कि यह छेद पेन के बंद होने और खुलने पर वायु के दबाव को सामान रूप से बनाये रखता है। मगर यह बात सिर्फ उन पेन में सही बैठती है, जिन के ढक्कन दबा के बंद होते हैं, घुमा के बंद होने वाले पेन में यह बात तर्क संगत नहीं लगती है। इस छेद की असली वज़ह क्या है? इसका मूल कारण है कि पेन को ढक्कन समेत कुछ लोग अपने मुंह में डाल लेते हैं, खासकर बच्चे। अगर यह गलती से मुंह में चला जाये और चूंकि इसमें छेद न हो, तो हवा पास नहीं होगी, जो कि यह घातक साबित हो सकती है और जान भी जा सकती है। इसी वजह से पेन के निर्माताओं ने इसके ढक्कन में एक छेद रखा, जिस वजह से अगर कोई बच्चा या बड़ा इसको निगल भी जाये तो उससे जान जाने का खतरा कुछ हद तक कमहो सकता है। हालांकि यह छेद पेन के निचले भाग या कैप दोनों पर होता है।
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